मंगलवार, 12 नवंबर 2013

हनुमान मंदिर चलिया भाग 8

आज रविवार है ... 3.11.2013....
आज दीपावली है ....
आज मैंने बाद में मंदिर जाने का सोचा क्योंकि मन में यही थी कि दिवाली का दिन है तो पीछे से सुबह सुबह कोई आ न जाए ,इसलिए दोपहर के भोजन के बाद 2 बजे घर से निकली तो बाजार से थोड़ा सामान वगेरह लेकर घर पहुँचाया और तब निकली मंदिर के लिए तो लगभग 2.20 हो चुके थे ....
आज बाजार में काफी भीड़ है ,बाजार में दोनों तरफ ठेले वाले अपना अपना सामान बेच रहे हैं ......मेट्रो स्टेशन पहुंची तो याद आया आज स्मार्ट कार्ड तो दूसरे पर्स में रह गया है इसलिए टोकन लेने के लिए भी काफी लम्बी कतार में इंतज़ार करना पड़ा .....
मेट्रो भी आज ठसाठस भरी हुई है सीट मिलने का कोई चांस नहीं था पर अन्दर प्रवेश करते ही सामने की सीट खाली मिल गई | आराम से बैठ कर गई ,....
आज मेट्रो से उतरकर जब रास्ते से गुजर रही थी तो पूरा रिवोली सिनेमा के सामने का आँगन कपड़ों से सजा हुआ था ....इसमें नए कपडे कम ही होते हैं जहां तक मुझे पता है यह कपडे बाहर के देशों से आते हैं जो गरीब देशों को फ्री में भेजे जाते हैं ,....पहले यही कपड़े 20.. 20 रुपये में मिल जाते थे अब यह 100 रुपये में मिलने लगे हैं ..यहाँ काफी भीड़ रहती है ....आज देर से आई हूँ इसलिए सारा बाजार लगा हुआ है ....




आज हनुमान मंदिर के बगल में ही सब मेंहदी वाले, टैटू वाले और तांत्रिक बाबा भी अपनी अपनी जगह पर जम चुके हैं .....



मंदिर में भी आज बहुत भीड़ है , 3 बज गए हैं ......
मंदिर में आज भंडारा चल रहा है ...पहले से इसमें भी परिवर्तन आया है पहले दो दो डोने दिए जाते थे एक सब्जी का एक में पूड़ी और बाद में एक हलवे का ,लेकिन अब थर्मोकोल की थाली दी गई है जिससे अब बैठकर आराम से खाया जा सकता है ...
आज सब मूर्तियाँ विशेष रूप से सजी हुई हैं और हनुमान प्रतिमा का सुन्दर स्वर्ण श्रृंगार किया गया है आज खुले दर्शन हो रहे हैं ....बीच में थोड़ी देर भीड़ कम हुई तो यह तस्वीर ले पाई हूँ जो आप तक पहुंचाती हूँ ....




सुसज्जित प्रतिमाएं 

मैंने भी माथा टेकने के बाद प्रसाद ग्रहण किया ,फिर वापिस चल दी ..
आज घर पहुँचाने में भी 4.30 बज गए हैं क्योंकि बाजारों में काफी भीड़ है ..
         पटाखों को अब लोग न ही कहने लगे हैं या यह समझ लो कि जेब ही जवाब दे गई है खरीदने की हिम्मत ही केवल वोही करता है जिसके पास पैसे बर्बाद करने के लिए हैं क्योंकि पटाखों की कीमत आज तीन गुना है | ...यहाँ त्यौहार मनाने के लिए प्याज आलू खाने के तो पैसे नहीं हैं आम आदमी की जेब में मिठाई खाए बिना ही तनाव से ही उसे शुगर हो रही है कि कैसे मनाये आखिर वो दिवाली ?



मिलते हैं कल नए अनुभव लिए अगले पोस्ट में ...

हनुमान मंदिर चलिया भाग 9.क्रमशः.....

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