बुधवार, 27 अगस्त 2014

शिमला यात्रा वृतांत भाग 3.

भाग 2.
चौथा दिन 
       सुबह लगभग 9.30 बजे हम सब कुछ हल्का फुल्का नाश्ता लेकर होटल छोड़ कर निकल गए | हमने अपना सामान वहीँ छोड़ दिया था ,बाद में ले जाने के लिए | हमारी कालका से शाम 5.40 की गाड़ी थी और अभी हमें वापिस जाने के लिए टैक्सी करनी थी इसलिए हमने जो टैक्सी वाले घूम रहे थे रिज पर उनसे पूछना शुरू किया और एक से बात हो गई कि वो एक बजे हमारे पास पहुँच जायेगा तो इसके बाद हमने खाना खाने की और थोड़ा तिब्बती बाजार घूमने की सोची | हम वहां से जल्दी वापिस आ गए और पता चला टैक्सी वाले को अभी देर लगने वाली थी इसलिए हमने दूसरी टैक्सी लेने की सोची | दो लोग होटल से सामान लेने चले गए | और भूषण जी टैक्सी का पता करने लगे | तिब्बती बाजार के नीचे की तरफ जो टैक्सी स्टैंड था वहां कोई टैक्सी मिल नहीं रही थी,फिर दूसरे टैक्सी स्टैंड से बहुत मुश्किल से हमें 2 बजे तक एक टैक्सी मिल पाई ,जो कालका हमें छोड़ने के लिए तैयार हुई | आखिर हम सबने टैक्सी में बैठकर चैन की साँस ली |
               टैक्सी लगभग 3 से 3.30 घंटे में शिमला से कालका पहुंचा देती है | 2000 रुपये से लेकर 2,500 रुपये तक में बड़ी टैक्सी मिल जाती है हमें सही ड्राईवर और टैक्सी मिल गई थी उसने हमें 3..4 किलोमीटर पहले एक और टैक्सी में शिफ्ट कर दिया ,क्योंकि उसके बाद वो टैक्सी आगे नहीं जा सकती थी शायद कुछ टैक्स का चक्कर था | लगभग 3 घंटे में टैक्सी ने कालका स्टेशन पर पहुँचा दिया था | 
        हम सब वहां गाड़ी का इंतजार करने लगे और तय समय पर गाड़ी आ गई और हम उसमे सवार हो गए | वोही शताब्दी गाड़ी जिसके चलते ही पहले चाय आ जाती है ,फिर 8 बजे खाना बंटना शुरू हो चूका था और आइस क्रीम | लेकिन इतनी जल्दी सब खाना खाने को तैयार नहीं थे इसलिए उन्होंने खाना वापिस भिजवा दिया ,लेकिन वो खाना पैक करके भी दे रहे थे जो ले जाना चाहे अपना खाना | हम 10.15 बजे तक दिल्ली पहुँच गए थे | वहां से हमने मेट्रो ली और 11 बजे तक घर पहुँच गए |
              आइये अब जाने शिमला के बारे में कुछ और ज्यादा यहाँ हम नहीं जा पाये .....
शिमला की खासियत :-

संस्कृति
शिमला में विभिन्न त्योहारों को मनाया जाता है। शिमला समर फेस्टिवल, पीक पर्यटन सीजन के दौरान हर साल रिज पर आयोजित किया जाता है। इसका मुख्य आकर्षण सभी देश भर से लोकप्रिय गायकों द्वारा प्रदर्शन शामिल है।

कृषि और उद्योग
शिमला एक कृषि बाज़ार है और यहाँ मद्यनिर्माण, हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग जैसे लघु उद्योग हैं।

शिक्षा
शिमला में अनेक पुराने आरोग्यगृह, महाविद्यालय और हिमालय प्रदेश विश्वविद्यालय भी है।
1972-73 में पुनर्गठन के समय शिमला ज़िले (5,000 वर्ग किमी) का विस्तार किया गया था।
शिमला में 14 आंगनबाड़ी और 63 प्राथमिक विद्यालय है। कई ब्रिटिश युग के स्कूल भी हैं।
शिमला में लोकप्रिय स्कूलों में बिशप कॉटन स्कूल, शिमला पब्लिक स्कूल, सेंट एडवर्ड स्कूल, तारा हॉल, डीएवी स्कूल, डीएवी न्यू शिमला, दयानंद पब्लिक स्कूल, ऑकलैंड स्कूल, लालपानी स्कूल प्रमुख हैं।
केन्द्रीय विद्यालय, शिमला के बेहतरीन स्कूलों में से एक है। पहले यह हरकोर्ट बटलर स्कूल के नाम से जाना जाता था।

शिमला में मेडिकल संस्थानों में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और दंत चिकित्सा महाविद्यालय हैं।

दर्शनीय स्थल :---
शिमला में और उसके आसपास बहुत सारे दर्शनीय स्थल हैं ,जिनका आप पूरा आनंद सर्दिओं में ले सकते हैं |

रिज
शहर के मध्य में एक बड़ा और खुला स्थान, जहां से पर्वत श्रंखलाओं का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है। यहां शिमला की पहचान बन चुका न्यू-गॉथिक वास्तुकला का उदाहरण क्राइस्ट चर्च और न्यू-ट्यूडर पुस्तकालय का भवन दर्शनीय है।

मॉल
शिमला का मुख्य शॉपिंग सेंटर, जहां रेस्तरां भी हैं। गेयटी थियेटर, जो पुराने ब्रिटिश थियेटर का ही रूप है, अब सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है। कार्ट रोड से मॉल के लिए हि.प्र.प.वि.नि. की लिफ्ट से भी जाया जा सकता है। रिज के समीप स्थित लक्कड़ बाजार, लकड़ी से बनी वस्तुओं और स्मृति-चिह्नों के लिए प्रसिद्ध है।

काली बाड़ी मंदिर
यह मंदिर स्कैंडल प्वाइंट से जनरल पोस्ट ऑफिस से की ओर कुछ गज की दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि यहां श्यामला देवी की मूर्ति स्थापित है।


शिमला तस्वीरें - काली बारी मंदिर - मंदिर का दृश्य


जाखू मंदिर
(2.5 कि.मी.) 2455 मी. : शिमला की सबसे ऊंची चोटी से शहर का सुंदर नजारा देखा जा सकता है। यहां "भगवान हनुमान" का प्राचीन मंदिर है। 
कैसे पहुँचें 
रिज पर बने चर्च के पास से पैदल मार्ग के अलावा मंदिर तक जाने के लिए पोनी या टैक्सी द्वारा भी पहुंचा जा सकता है।



जाखू मन्दिर ..यहाँ हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमा 108 ऊँची स्थापित है हनुमान जी का यह विरत रूप देखते ही बनता है | 
मान्यता
पौराणिक कथा के अनुसार राम तथा रावण के मध्य हुए युद्ध के दौरान मेघनाद के तीर से भगवान राम के अनुज लक्ष्मण घायल एवं मूर्छित हो गए थे। उस समय सब उपचार निष्फल हो जाने के कारण वैद्यराज सुषेण ने कहा कि अब एक ही उपाय शेष बचा है। हिमालय की संजीवनी बूटी से लक्ष्मण की जान बचायी जा सकती है। इस संकट की घड़ी में रामभक्त हनुमान ने कहा प्रभु मैं संजीवनी लेकर आता हूँ। हनुमानजी हिमालय की और उड़े, रास्ते में उन्होंने नीचे पहाड़ी पर 'याकू' नामक ऋषि को देखा तो वे नीचे पहाड़ी पर उतरे। जिस समय हनुमान पहाड़ी पर उतरे, उस समय पहाड़ी उनका भार सहन न कर सकी। परिणाम स्वरूप पहाड़ी जमीन में धंस गई। मूल पहाड़ी आधी से ज्यादा धरती में समा गई। इस पहाड़ी का नाम 'जाखू' है। यह 'जाखू' नाम ऋषि याकू के नाम पर पड़ा था।

हनुमान ने ऋषि को नमन कर संजीवनी बूटी के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की तथा ऋषि को वचन दिया कि संजीवनी लेकर आते समय ऋषि के आश्रम पर जरूर आएंगे। हनुमान ने रास्ते में 'कालनेमी' नामक राक्षस द्वारा रास्ता रोकने पर युद्ध करके उसे परास्त किया। इस दौड़धूप तथा समयाभाव के कारण हनुमान ऋषि के आश्रम नहीं जा सके। हनुमान याकू ऋषि को नाराज नहीं करना चाहते थे, इस कारण अचानक प्रकट होकर और अपना विग्रह बनाकर अलोप हो गए। ऋषि याकू ने हनुमान की स्मृति में मंदिर का निर्माण करवाया। मंदिर में जहां हनुमानजी ने अपने चरण रखे थे, उन चरणों को संगमरमर पत्थर से बनवाकर रखा गया है। ऋषि ने वरदान दिया कि बंदरों के देवता हनुमान जब तक यह पहाड़ी है, लोगों द्वारा पूजे जाएंगे।



चैल 
चैल कभी पटियाला के महाराजा की गर्मियों की राजधानी होती थी। यह शिमला से 43 किमी दूर है। यहां विश्व में सबसे ऊंचाई पर स्थित क्रिकेट पिच और पोलो ग्राउंड भी है।
यह जगह लोगों में पिकनिक स्पॉट के रूप में भी काफी लोकप्रिय है। छुट्टी मनाने के लिए आने वाले लोगों के बीच में चैल सेंचुरी काफी प्रसिद्ध है। यहां आप कई जंगली पशुओं को देख सकते हैं। सिद्ध बाबा का मंदिर लोगों के आकर्षण का केंद्र है।

कैसे पहुंचें: चैल तक बस या टैक्सी के जरिए पहुंचा जा सकता है।

कहां ठहरें: चैल में ठहरने का खर्च शिमला में ठहरने की अपेक्षा काफी कम खर्च आएगा। यहां फाइव स्टार होटल तो नहीं मिलेंगे, लेकिन यहां कई अच्छे और सस्ते होटल अवश्य उपलब्ध हैं। यहां आप चार हजार रुपए में आराम से रह सकते हैं।

नारकंडा
यह शिमला से 64 किमी दूर है। यह जगह गर्मियों में अपने एडवेंचर और ट्रैकिंग के लिए प्रसिद्ध है। नारकंडा में आप फलों के बगीचे देख सकते हैं। सेब के बगीचे आपको यहां हर जगह मिलेंगे।
कैसे पहुंचे : नारकंडा शिमला से बस या फिर टैक्सी के जरिए पहुंचा सकता है।

राज्य संग्रहालय
(3 कि.मी.): यहां हिमाचल प्रदेश की प्राचीन ऐतिहासिक वास्तुकला और पेंटिंग्स देखे जा सकते हैं। यह संग्रहालय प्रात: 10 बजे से सायं 5 बजे तक खुलता है तथा सोमवार और राजपत्रित अवकाशों में यह बंद रखा जाता है।

इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एडवांस्ड स्टडी
(4 कि.मी.) 1983 मी. : अंग्रेजी पुनर्जागरण काल में बना यह शानदार भवन पूर्व वायसराय का आवास हुआ करता था। इसके लॉन और पेड़ यहां की शोभा और बढ़ा देते हैं।


Shimla photos, Viceregal Lodge & Botanical Gardens - A lower angled view

प्रोस्पेक्ट हिल
(5 कि.मी.) 2155 मी. : कामना देवी मंदिर को समर्पित यह हिल शिमला-बिलासपुर मार्ग पर बालुगंज से 15 मिनट की पैदल दूरी पर है। हिल से इस क्षेत्र का विहंगम दृश्य दिखाई देता है।

समर हिल
(7 कि.मी.) 1983 मी. : शिमला-कालका रेलमार्ग पर एक सुंदर स्थान है। यहां के शांत वातावरण में पेड़ों से घिरे रास्ते हैं। अपनी शिमला यात्रा के दौरान राष्ट्पिता महात्मा गांधी राजकुमारी अमृत कौर के शानदार जार्जियन हाउस में रुके थे। यहां हिमाचल प्रदेश विश्वद्यालय है।

चैडविक जलप्रपात
(7 कि.मी.) 1586 मी. : घने जंगलों से घिरा यह स्थान समर हिल चौक से लगभग 45 मिनट की पैदल दूरी पर है।

संकट मोचन
(7 कि.मी.) 1975 मी. : शिमला-कालका सड़क मार्ग पर (रा.राज.-22) पर "भगवान हनुमान" का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां से शिमला शहर का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। यहां बस/टैक्सी द्वारा पहुंचा जा सकता है।


Shimla photos, Sankat Mochan Temple - Idol of Hanumanji

तारादेवी

(11 कि.मी.) 1851 मी. : शिमला-कालका सड़क मार्ग पर (रा.राज.-22) पर यह पवित्र स्थान के लिए रेल, बस और कार सेवा उपलब्ध है। स्टेशन/सड़क से पैदल अथवा जीप/टैक्सी द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है।


Shimla photos, Tara Devi Temple - Tara Devi Temple

नालदेहरा 

नालदेहरा शिमला-तत्तपानी रोड पर शिमला से करीब 25 किमी दूर 6,706 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। देश का सबसे पुराना और सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित गोल्फ कोर्स यही है। यह प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है। इसके अलावा यह जंगल यात्रा और हॉर्स राइडिग के लिए भी जाना जाता है।

कैसे पहुंचें : नालदेहरा शिमला से 25 किमी दूर स्थित है। यहां आप शिमला से बस या फिर टैक्सी द्वारा पहुंच सकते हैं।


कहां ठहरें : नालदेहरा शिमला से ज्यादा दूर नहीं है। यहां आपको फाइव स्टार होटल तो नहीं मिलेंगे लेकिन छोटे-छोटे होटल यहां जरूर उपलब्ध हैं, जहां आप ठहर सकते हैं।


नालदेहरा तस्वीरें,नालदेहरा गोल्फ कोर्स

कुफरी 
कुफरी, 2743 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, शिमला से लगभग 18 किमी की दूरी पर एक छोटा सा शहर है। इस जगह का नाम 'कुफ्र' शब्द से पड़ा है, जिसका स्थानीय भाषा में मतलब है 'झील'। इस जगह के साथ जुड़े आकर्षण के कारण यहाँ वर्ष भर पर्यटक आते हैं। महासू पीक, ग्रेट हिमालयन नेचर पार्क, और फागू कुफरी में कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों में से हैं।


ग्रेट हिमालयन नेचर पार्क पक्षियों और जानवरों की 180 से अधिक प्रजातियों का घर है। फागू , कुफरी से 6 किमी दूरी पर स्थित, शांति प्रेमियों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य है। सुरम्य पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है, यह गंतव्य एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल भी है।
आसपास के कुछ मंदिर अपनी लकड़ी की नक्काशी के लिए जाने जाते रहे हैं। यह जगह लंबी पैदल यात्रा, शिविर और ट्रैकिंग जैसे विभिन्न साहसिक गतिविधियों के लिए भी लोकप्रिय है। कुफरी में अपने प्रवास के दौरान साहसिक उत्साही स्कीइंग, टोबोगैनिंग, गो–कार्टिंग, और घोड़े की सवारी की तरह विभिन्न खेलों का आनंद ले सकते हैं।

कुछ सावधानियां :--
1.पहाड़ी स्थान पर जाने के लिए काफी चलने के लिए जो सक्षम हो वोही शिमला यात्रा का आनंद उठा सकता है | 
2.टॉय ट्रेन में कभी भी नहीं जाएँ ,अगर जरुरी हो तो कुछ खाने का सामान लेकर चलें |
3.जाखू मंदिर जाएँ तो कोई भी पर्स बैग वगेरह ना लेकर जाएँ पर छड़ी ले जाना नहीं भूलें |
4.कुफरी गर्मी या बरसात में कभी नहीं जाएँ जब तक वहां का प्रशासन वहां के रास्ते की सुध नहीं लेता | इसे नेट पर ही निहारें बहुत खूबसूरत लगेगा वर्ना दूर के ढोल सुहावने होते हैं यह जान लें | यहाँ केवल सर्दियों में ही जाएँ तो आपको प्रकृति की गोद का अहसास होगा |
5.मौसम के अनुसार गर्म कपड़े लेकर जाएँ |
6.दर्शनीय स्थल सर्दी में ही देखने जायें ,गर्मी में मौसम का आनंद लें बस,आसपास घुमने नहीं जाएँ |
7.होटल बेशुमार हैं शिमला में ,नेट से थोडा अंदाजा लेकर जाएँ | होटल मॉल रोड या रिज पर लें तो बेहतर रहेगा |
8.अगर ऑफ़ सीजन में जाएँ तो कम पैसों में दोगुना मजा ले सकते हैं |
9.अपनी जरुरी दवाइयाँ लेकर जाएँ ,मिल तो सब कुछ जाता है अगर आप बार बार चल सकते हैं तो |
10.यह प्राकृतिक सम्पदा आपकी अपनी है इसे स्वच्छ रखें |




अलविदा दोस्तों मिलते हैं बहुत जल्दी एक और यात्रा वृतांत के साथ तब तक के लिए मस्त रहें और व्यस्त रहें ....नमस्कार ...

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