आज बुद्धवार है .... 6.11.2013...
आज से फिर स्कूल ऑफिस खुल गए हैं ....इसलिए काफी भीड़ है ....समय 6.55 हो गए हैं ... जल्दी से मेट्रो स्टेशन पहुँच गई हूँ ....
आइये आज जानते हैं मेट्रो रेल का एक ख़ास डिब्बा ,पहला डिब्बा .....
यह डिब्बा महिलायों के लिए सुरक्षित है .... मेट्रो स्टेशन पर रुकने के लिए भी एक बोर्ड लगा है जिसके सामने यह रुकता है ...केवल महिलाएं ...
Women Only ... ..यही लिखा है इस के ठीक नीचे मेट्रो स्टेशन के फर्श पर
इस डिब्बे में 7..7 सीट वाले पांच कोच हैं , 1 कोच 4 सीट वाला है और 2 कोच 2..2 सीट वाले हैं ..
सबसे पहले एक 4 सीट वाला और एक 7 सीट वाला कोच आमने सामने हैं ...फिर 7 ...7 सीट वाले चार कोच एक दूसरे के आमने सामने हैं
सात सीट वाले 2 कोच विकलांग एवं वृद्ध लोगों के लिए , 2 महिलाओं के लिए , 1 कोच वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरक्षित हैं ऐसा लिखा हुआ है ...
2...2 सीट वाले भी विकलांग एवं वृद्ध के लिए आरक्षित हैं |
एक ख़ास बात इसमें पुरूष बिलकुल वर्जित हैं , जो गलती से भी इसमें नहीं चढ़ सकते .....
पहले यहाँ एक महिला सुरक्षा कर्मी तैनात रहती थीं अब ऐसा नहीं है ...
महिलाएं इसमें आकर एक सुकून सा पाती हैं .....जैसे आप देख रहे हैं ... घर के काम जल्दी से निपटाकर यहीं आकर थोड़ा आराम मिलता है ,इसलिए महिला डिब्बा एक की बजाये दो किये जाने चाहिए ताकि वो अपने कार्यक्षेत्र तक आराम से बैठकर पहुँच सकें ,कुछेक को सीट न मिलने पर नीचे बैठना पड़ता है ....
इन तस्वीरों को देख यह न सोचें कि महिलाएं आराम से ही जाती हैं ,यह उस समय की तस्वीरें हैं जब मेट्रो में बिलकुल भीड़ नहीं है .....
मंदिर में कोई भीड़ नहीं है ...इसलिए आराम से फ्री होकर जल्दी ही बाहर आ गई हूँ ....
मेट्रो ले ली है और घर पहुँच गई हूँ ...
मिलते हैं कल कुछ नए पहलुओं के साथ ....
हनुमान मंदिर चलिया भाग 12.क्रमशः....
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