फाल्गुन की फुहार,
अपनों का दुलार,
प्रीतम का प्यार,
रंगों का त्यौहार!
आए तेरे दरबार,
उमंग लिए हज़ार,
पूरी करो करतार,
दुख हरो विघ्नहार!
विनती करो स्वीकार,
तुझ पर मैं निसार,
हम सबके पालनहार
खुशियाँ देना अपार!
तेरी महिमा अपरंपार,
भरो मेरे भंडार,
भूलों के बक्ष्नहार,
सुखी रहे परिवार!
हे दीनों के नाथ,
सिर पर रखना हाथ,
मेरा देना सदा साथ
तुझ बिन मैं अनाथ!!
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बहुत ही सुन्दर प्रभु की महिमा,आभार.
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