आइये जानें कुछ और बातें सिंगापुर के बारे में
अर्थशास्त्रियों ने सिंगापुर को 'आधुनिक चमत्कार' की संज्ञा दी है। यहाँ के सारे प्राकृतिक संसाधन यहाँ के निवासी ही हैं। सिंगापुर में पानी मलेशिया से, दूध, फल व सब्जियाँ न्यूजीलैंड व ऑस्ट्रेलिया से, दाल, चावल व अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएँ थाईलैंड, इंडोनेशिया आदि से आयात की जाती हैं।...
यहाँ दो तरह का जीवन ही पाया जाता है एक उत्साह उर्जा जोश से भरपूर ,परियों के देश में विचरते हाथ में हाथ लिए रंग बिरंगे सपने बुनते ,नए नए फैशन के प्रतीक दूसरा सूखी और झुर्रीदार त्वचा से झांकता पलायन जो जिंदगी के साथ ताल से ताल नहीं बिठा पा रहा ...
राजनीति :--
सिंगापुर एक लोकतांत्रिक देश है जहाँ पीपल्स एक्शन पार्टी का बोलबाला रहा है । ली कुआन यू इसके सबसे प्रभावशाली नेता थे इस दौरान सिंगापुर ने बहुत व्यावसायिक प्रगति की । यहाँ की संसद एक सदन वाली है जिसके पास विधान बनाने का हक है । इसके अलावे यहाँ की सरकार में कार्यकरने वाली कार्यपालिका तथा न्याय मामलों के लिए न्यायपालिका दो अन्य अंग हैं ।
पर्यटन :--
सिंगापुर में पर्यटन एक प्रमुख उद्योग है और हर साल ये लाखों की संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है।सिंगापुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों की बात करें तो ये दर्जा ऑर्चर्ड रोड डिस्ट्रिक्ट को जाता है; यहां बहुमंजिला शॉपिंग सेंटर्स की और होटलों की भरमार है। सिंगापुर में मरीना बे, बुगीस स्ट्रीट, चाइनाटाउन, गेलैंग सराय, कांपोंग गेलाम, अरब स्ट्रीट, लिटिल इंडिया, नॉर्थ ब्रिज रोड, ऑर्चर्ड रोड और द सबर्ब्स जैसे शॉपिंग सेंटर विकसित किए गए हैं। सिंगापुर के दूसरे आकर्षक पर्यटन स्थलों में सिंगापुर चिड़ियाघर और नाइट सफारी को शामिल किया जा सकता है...
सिटी टूर ..
पर्यटकों के लिए एक सिटी टूर की व्यवस्था भी है ,जिसमे डबल डेकर खुली छत वाली ए सी बस सिंगापुर की यात्रा कराती है ,जिसमे साथ साथ उद्घोषणा होती रहती है जो स्थानों के इतिहास और विशेषता के बारे बताते हुए चलती है कुछ द्रश्य अवश्य ही आपका मन मोह लेते हैं .. इसके इलावा काफी टूरिस्ट बसें आपको आपके गंतव्य तक पहुँचाती हैं ..
यातायात व्यवस्था:--
यहाँ की यातायात व्यवस्था बहुत अच्छी है क्योंकि लम्बी ,साफ सुथरी सड़कें बिना किसी अवरोध के इसकी शान हैं .. यातायात में मेट्रो ,डबल डेकर बस ,टैक्सी ,छोटी उड़ती हुई रेलें जिन्हें मोनोरेल भी कहते हैं ,मुख्य हैं और ये करीब-करीब वहां के सभी पर्यटन स्थलों को और ऑफिस वगेरह को कवर करती है जिससे पर्यटकों को घूमने में और आम लोगों को अपने गंतव्य पर पहुँचने में आसानी रहती है। यहां का बेहद लोकप्रिय मास रैपिड ट्रांजिट (MRT) सिस्टम है यानि मेट्रो .. ..
ट्रैफिक यहाँ सुव्यवस्थित और सुनियोजित है सिर्फ लाल हरी बत्तियों और सड़कों पर खिंची रेखायों के दम पर पूरा ट्रैफिक चलता है बिना किसी भी ट्रैफिक पुलिस या अवरोध के ...और बिना किसी हॉर्न के ... जिसे बजाना यहाँ असभ्य समझा जाता है ...
यहाँ लोगों के पास गाड़ियाँ और बाइक बहुत कम हैं क्योंकि ये बहुत महँगे हैं यह सरकार की तरफ से जाम , वाहनों की भीड़ से बचने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए उठाया गया एक कारगर कदम है .. लगभग सभी लोग मेट्रो का प्रयोग करते हैं ...
टैक्सी .. मेट्रो के बाद टैक्सी यहाँ यातायात का मुख्य साधन है ..यहाँ लगभग 28,286 टैक्सी हैं और 148 स्वतंत्र ड्राईवर ,टैक्सी के फ्लैग डाउन चार्जेज बहुत ही कम हैं ,3 डॉलर से 5 डॉलर के बीच ,शाम 6 बजे के बाद यहाँ नाईट चार्जेज शुरू हो जाते हैं ... एक और बात यहाँ बहुत बढ़िया लगी ..जब भी कोई टैक्सी एक निश्चित बोर्ड के नीचे से निकलती है तो वहां उसका कुछ टैक्स कट जाता है और सामने बोर्ड पर लिखा आ जाता है ,क्योंकि उस रोड पर जाने का टैक्स है ,शायद हमारे टोल टैक्स जैसा लेकिन बहुत ही शानदार तरीका ...
हर दस वर्ष के बाद यहाँ बाइक्स और गाड़ियाँ वापिस ले ली जाती हैं और उनके टायर जला दिए जाते हैं ...
सिंगापुर का जायका:--
सिंगापुर में शॉपिंग के साथ साथ खान-पान को भी खास कर पर्यटकों के लिए एक आकर्षण के तौर पर प्रचारित किया जाता है और ये काम आमतौर पर सिंगापुर टूरिज्म बोर्ड या इससे जुड़ी दूसरी संस्थाएं करती हैं। सिंगापुर की पाक प्रणाली के प्रचार के लिए सरकार हर साल जुलाई में सिंगापुर फूड फेस्टिवल का आयोजन करती है।वहां मैक डोनल्ड्स, पिज्जा हट, केएफसी, बर्गर किंग, सबवे, लॉन्ग जॉन सिल्वर्स और मॉस बर्गर जैसे फास्ट फ़ूड चेन्स का भी फैलाव हुआ है। इसके साथ ही वहां स्थानीय रेस्तराओं की भी भरमार है।
मौसम :--
यहाँ का मौसम वैसे तो गर्म है लेकिन कभी भी झरिदार बरसात होने लगती है ,लगभग हर लोकल के हाथ में एक छाता अवश्य होता है
वैसे तो पूरे वर्ष में सिंगापुर घूमने के लिए कभी भी आ सकते हैं ,मौसम इसमें बाधा नही डालता है ,जनवरी फरवरी का मौसम बढ़िया रहता है ना ज्यादा गर्मी ना ही सर्दी ,मई जून सबसे गर्म रहते हैं ,जुलाई से सितम्बर में यहाँ फ़ूड फेस्टिवल और सिंगापुर सेल पर्यटकों को काफी लुभाते हैं ,नवम्बर दिसम्बर में काफी बारिश रहती है .......
साफ़ सफाई :--
यहाँ बहुत ही साफ़ सफाई है और सड़क पर कूड़ा डालने वाले से यहाँ मोटा फाइन लिया जाता है और उसी से सबके सामने उठवाया भी जाता है .. यहाँ हर सड़क पर छोटे, बड़े ढके हुए सरकारी डस्टबिन रखे गए हैं जिनमें पहिये लगे हुए हैं ..सुबह सुबह यहाँ सफाई के साथ ही डस्टबिन खाली कर दिए जाते हैं ...
पर्यावरण :--
सिंगापुर प्राक्रतिक सम्पदा से भरपूर है ,इस देश में पर्यावरण का पूरा ख्याल रखा जाता है और प्रकृति तथा विरासत संरक्षण संबंधी कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं जिससे लोगों को जागरूक किया जा सके |
जनसँख्या :--
यहाँ की जनसँख्या लगभग 40 लाख है इसलिए देश में बर्थ रेट कम होने की वजह से सिंगापुर काफी परेशान है। जनसंख्या बढ़ाने की कोशिशों के तहत ही यहां एक दिन की छुट्टी विशेष तौर पर दी जाती है ताकि लोग सेक्स कर सकें।
कुछ रोचक तथ्य :--
एक ख़ुशी और आश्चर्य का विषय है कि यहाँ लगभग 80% महिलाएं कामकाजी हैं जो मेट्रो ट्राम बसें सब चलाती हैं और 18 साल का होने पर लड़कों को 2 साल के लिए सरकार को देना पड़ता है ताकि वो उनकी हर क्षेत्र में उचित ट्रेनिंग कर सके|
सिंगापुर में आप किसी दीवार पर न तो पोस्टर चिपका सकते हैं और न ही कुछ पेंटिंग बना सकते हैं। ऐसा करने पर आपको तुरंत सजा सुनाई जा सकती है।
सिंगापुर में च्यूंगम आप नहीं खरीद सकते। सरकार ने इस पर रोक लगा दी है|
आप सड़क किनारे कहीं पेशाब नहीं कर सकते। पब्लिक प्लेस पर पेशाब करने पर भारी फाइन होता है |
यहाँ हर तरह की पोर्नोगार्फ़ी पूर्णतया बैन है |
पाँचवां दिन :--
आज हमारी फ्लाइट रात 7.40 की थी ,इसलिए हमें 4.40 से पहले एअरपोर्ट पहुँचना था ..अभी 12 बजे थे चेक आउट टाइम हो चुका था हमने सब पैक करके होटल के काउंटर पर जमा करा दिया था ...अब हम नाश्ते पानी के लिए और कुछ और मटरगश्ती के लिए बाहर निकल गए थे ...
मुस्तफा माल :--
अपना मनपसंद नाश्ता करके हम मुस्तुफा माल पहुंचे जोकि लिटिल इंडिया में एक अति आधुनिक माल है ..क्योंकि अभी तक हम बाहर घूम कर चले जाते थे इसके अंदर जाने का मौका नहीं मिला था ... यहाँ बिलकुल भारत जैसा ही लग रहा था सब वही ब्रांड ,सस्ते भी महँगे भी ..यहाँ कोई ऐसी चीज नही है जो आपको ना मिल सके ...यहाँ काफी गिफ्ट आइटम भी आपको मिल जाएँगी यहाँ से भी हम लोगों ने काफी कुछ लिया इसका फ़ूड कोर्ट बाहर ही बरामदे में है और वहीँ पर बैठने की व्यवस्था है ... ..
यहाँ बिलकुल इसके सामने एक डी.ए.वी.स्कूल है यहाँ पर बच्चों को और बूढ़े लोगों को भी हिंदी सिखाई जाती है ...
यहाँ से हम वापिस अपने होटल की तरफ बढ़ने लगे और साथ साथ शौपिंग हो रही थी ... 4 बजे हम होटल में पहुँच गए थे कुछ और जो शौपिंग हुई थी उसे बैग में रख लिया था अब निकलने का समय हो गया था ... हम अपना सामान लेकर बाहर आ गए और थोड़ी देर में ही हमें टैक्सी मिल गई थी ... बारिश शुरू हो गई थी जब हम एअरपोर्ट पहुँचे तो जोरदार बारिश ने अलविदा किया जैसे हमें रोक रही हो ...मौसम बहुत सुहावना हो चुका था ... हमने टैक्सी से सामान लिया दिल में कुछ अधूरे अरमान और स्वप्निल यादें लिए हम अंदर प्रवेश कर गए थे... सामने ही चेक इन करने की कतारें लगीं थी .. हम भी कतार में थे ... इस वक्त जो इमीग्रेशन फॉर्म का आधा हिस्सा हमें दिया था वो उन्होंने मांग लिया .. हम दो लोग भूल आये थे एक दिखा दिया था ..बाकी ने बोल दिया गुम हो गया .. उसमें कोई समस्या नहीं थी ...बोर्डिंग पास मिल गया था .. दोबारा वही लगेज जमा कराने के बाद ..हम फ्री थे .. अब बारी थी पेट पूजा की क्योंकि अभी लगभग दो घंटे थे हमें बोर्ड करने में ...
आखिर वो समय आ ही गया जब घर वापिसी का दिन आया और हम भारत आने वाले विमान में बैठ गए ... हमने घर फ़ोन करके सूचित कर दिया की हम लोग विमान में बैठ चुके हैं और फिर अपने सामने लगी स्क्रीन पर कोई अन देखी फिल्म ढूंढने लगे ... साथ साथ विमान से सूचनाएं प्रसारित हो रहीं थी और हमने अपनी बेल्ट वगेरह बांध ली थी ... लगभग आधा घंटा विमान स्टार्ट होने के बाद भी एअरपोर्ट पर खड़ा था शायद मौसम ख़राब था इसलिए उड़ान में देरी हो रही थी .. फिर धीरे धीरे रन वे पर और फिर हवा में से सितारों की तरह टिमटिमाता सिंगापुर अपनी आखिरी विदाई दे रहा था और हम निशब्द इसे निहारते हुए मंत्रमुग्ध हो गए ... अपनी उंचाई पर पहुँच कर अब यह सुरक्षित आगे बढ़ रहा था ... इसके बाद खाना बाँटा गया ,बीच बीच में सूचना होती ... अपनी कुर्सी की पेटी बाँधें रखने के लिए और अपने स्थान पर बैठे रहने के लिए क्योंकि मौसम थोड़ा ख़राब था ... हम लोग अपनी फ़िल्में देखने में व्यस्त थे .....
सिंगापुर जाते हुए वहां की परिचारिकाएँ कोई भी कूड़ा, गिलास वगेरह फट से ले जाती थीं ..लेकिन आती बार क्योंकि हम भारत में आ रहे थे इसलिए कूड़ा ज्यों का त्यों वहीँ गिर रहा था और हमारे उठने के बाद पैरों में आ रहा था ,हम लेट हो चुके थे लेकिन हम सुरक्षित भारत में उतर चुके थे ... वापिसी में वही फिर से पासपोर्ट पर एक ठप्पा लगाया गया और हम बाहर आ गए ... एअरपोर्ट पर तो जैसे इस समय बहार आई हुई थी शॉप्स में काफी चहल पहल थी ..सबसे ज्यादा शराब की ड्यूटी फ्री दुकानों पर यहाँ एक पासपोर्ट पर 2 लिटर शराब मिल रही थी यानि वास्तविक मूल्य से कम मूल्य पर ..... अब हमने अपना लगेज लेकर ट्राली ली और टैक्सी स्टैंड का रुख किया...
यहाँ आते ही अन्तर पता चल रहा था ..सारी सुविधाएँ वही हैं लेकिन तौर तरीके नियम कानून सभी ताक पर रखकर कोई भी बीच सड़क ट्राली छोड़कर चला जाता है ,कोई कैसे भी बिना कतार के गाड़ी लगा देता है ... पैदल यात्रियों के लिए रोड क्रॉस करने के लिए इंडिकेटर की एक कमी नजर आती है ... टैक्सी लेकर हम ने घर पहुँच कर चैन की साँस ली .. सही ही कहते हैं ..जो सुख छज्जू दे चौबारे वो बलख ना बुखारे ...
ध्यान योग्य विशेष बातें:--
* पासपोर्ट 6 महीने की समय सीमा तक वैलिड होना चाहिए |
* वीजा की कारवाई लगभग एक महीना पहले शुरू करें |
* करेंसी बदलवा कर जाएँ सिंगापुर और यू एस डॉलर में और बहुत जरुरी उसका उचित बिल हमेशा साथ लेकर जाएँ |
* अन्तराष्ट्रीय उड़ान के लिए उड़ान से लगभग 3 घंटे पहले पहुँचें |
* सामान कम और घर से तोल कर उतना ही ले जाएँ जितना भार आपकी टिकट में अंकित है |
* कोई भी केमिकल या कोई भी तरल पदार्थ जो 100 ml से ज्यादा की बोतल हो आप नहीं ले जा सकते चाहे कोल्ड ड्रिंक,पानी ही क्यों ना हो और चाहे वो आधी खाली हो तो भी नहीं ...
* कोई भी नुकीली चीज कैंची, रेजर वगेरह आप हैण्ड कैरी में नहीं ले जा सकते ,इसलिए इसे लगेज में पैक करें |
* खाने का कुछ भी खुला हुआ सामान नहीं ले जा सकते पैक्ड सामान भी लगेज में ही पैक करें |
* अगर आप मैनेज कर सकते हैं तो पॅकेज लेकर ना जाएँ यह निसंदेह काफी मँहगा रहता है और आपको उनके अनुसार बंदिश में घूमना पड़ता है |
* घूमने के लिए जूते बहुत ही आरामदायक लेकर जाएँ |
* मनपसंद खाने का सामान ,नमकीन ,मट्ठी , थेफ्ले वगेरह लेकर जाएँ शाकाहारी पर्यटकों को काफी सुविधा होगी ..
* क्रेडिट कार्ड या ट्रेवल कार्ड भी बहुत जगह उपयोग हो जाता है , लेकिन इसे छोटे छोटे मूल्य चुकाने में प्रयोग ना करें ,क्योंकि हर बार कुछ टैक्स कटता है |
* छाता लेकर जाएँ ,बारिश कभी भी होने लगती है ..
* काल कर के किसी भी टैक्सी को बुलाएँगे तो उसके तीन डॉलर अतिरिक्त देने होते हैं |
* दूसरे देश में कहीं भी घूमने जाएँ तो अपना पासपोर्ट साथ लेकर ही जाएँ
* जनवरी फरवरी और जुलाई से सितम्बर बढ़िया हैं सिंगापुर भ्रमण के लिए
* जनवरी फरवरी और जुलाई से सितम्बर बढ़िया हैं सिंगापुर भ्रमण के लिए
सीखने लायक कुछ बातें :--
*सफाई कैसे रखी जाये
*पर्यावरण संरक्षण कैसे किया जाये
*बिना अवरोध ,बिना ट्रैफिक पुलिस के सुचारू सुव्यवस्थित यातायात
*पैदल यात्रियों के लिए हर सड़क पर ज़ेबरा क्रासिंग
*फुर्तीली ,चुस्त,दुरुस्त ,नियमबद्ध,समयबद्ध खुशनुमा जिंदगी कैसे जियें
*सख्त सुचारू कानून व्यवस्था ,बिना किसी पुलिस के ..जो पांच दिन में हमने कहीं नहीं देखी
एक महीने की यात्रा में से कुछ अविस्मरणीय पलों को पाँच दिन की यात्रा में समेट पाए हमारा सौभाग्य था ... किसी ने सही कहा है बहुत निकले अरमान लेकिन कम निकले ख्वाहिश ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले |
चलिए दोस्तों जल्दी ही मिलती हूँ किसी ओर यात्रा संस्मरण की रोचक जानकारियों के साथ ... तब तक के लिए विदा .. स्वस्थ रहें ,मस्त रहें, यात्रायें करें ... मेरे साथ साथ आप भी ...