मंगलवार, 7 जून 2016

सिंगापुर यात्रा संस्मरण भाग 3

दूसरा दिन :--
आज हमने पहले से ही टूर एंड ट्रेवल से पता कर लिया था ज सिंगापुर जू जाने की तैयारी थी ,इसके साथ ही है रिवर सफारी और नाईट सफारी .. क्योंकि हम सभी रास्तों से वाकिफ नहीं थे   , इसका हमने SAEx का पैकेज ले लिया था कोई भी दो स्थल देखने का .. 12 बजे हमें पिक अप पॉइंट पर पहुँचना था .. वैसे यहाँ सब दर्शनीय स्थल मेट्रो से जुड़े हुए हैं और यहाँ बस सर्विस भी बहुत अच्छी है जिनके नाम हमारी मेट्रो जैसे हैं ब्लू लाइन,येलो लाइन ,रेड लाइन वगेरह .. .. कुछ खाने का सामान साथ लेकर हम अपने पॉइंट पर पहुँच गए थे ... निर्धारित समय से थोडा लेट एक बड़ी टैक्सी आकर रुकी जिसे एक लगभग 60 बरस की महिला चला रही थी इसे 'लिमोजिन टैक्सी' कहते हैं  ,फैमिली के लिए यह बहुत ही बढ़िया है अंदर से बहुत ही खुबसूरत .. हम कुल पाँच लोग थे हमें लेकर यह सीधा जू के पास के स्टैंड पर हमें छोड़कर लौट गई ... .. जू और रिवर सफारी दोनों का देखने का समय सुबह का है  ..इनमें से आप कोई एक या दोनों भी देख सकते हैं  हमने जू देखने का मन बनाया ... कुछ चाय वगेरह लेकर हमने बेजुबानों की दुनिया की ओर रुख किया .. .. 
सिंगापुर जू :--
सिंगापुर जू की खासियत यह है कि यहाँ सभी जानवरों को खुले में रखा गया है कोई भी पिंजरा हमें नजर नही आया ..छुपी हुई गहरी खाई या काँच की दिवार से उनकी पर्यटकों से दूरी बनाई गई है ..आप आमने सामने उनको देख सकते हैं ... 


इसके बीच में अगर आप पैदल चलकर सब देखना चाहते हैं तो आपकी मर्जी है नहीं तो यहाँ पाँच स्टॉप बनाये गए हैं यहाँ से आप खुली लम्बी बहुत ही सुविधाजनक ट्राम में बैठकर भी इसे देख सकते हैं इसकी टिकट है .. आप किसी भी स्टॉप पर उतरकर किसी से भी चढ़ सकते हैं ... इसमें लगभग 30 से 40 लोग बैठ सकते हैं ..लेकिन आपकी टिकट हर बार चेक होती है और सभी कतार में ही आते हैं  और बिना स्टॉप के यह बीच में कहीं नहीं रूकती है ..  हर स्टॉप  के पास ही कोई ना कोई एनिमल शो होते हैं जिनके जरिये लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाता है .. इन्हें मिस नहीं करें ... बीच बीच में खान पान की भी अच्छी व्यवस्था है ... निसंदेह शाकाहारी भोजन तो ना के बराबर ही है ...
हम कुछ देर पैदल चले और फिर हमने ट्राम से ही घूमना बेहतर समझा क्योंकि गर्मी बहुत थी .. सब स्टॉप पर रूककर हमने लगभग सभी कुछ देख लिया था तस्वीरों के जरिये बेजुबानों से बातचीत कर ली थी  .. 5.30 बजे आखिरी ट्राम ने हमें स्टॉप पर छोड़ दिया था ... वहां से चलकर हम कुछ खाने के लिए जा ही रहे थे लेकिन वो बंद हो गया था ... हमने बाहर की ओर प्रस्थान किया ... बाहर आकर कैफ़े में हमने कुछ खान पान किया लगभग 6.30 बज गए थे .. कुछ और समय बिताकर हमने नाईट सफारी की तरफ रुख किया ....
रिवर सफारी :-- रिवर सफारी सिंगापुर जू और नाईट सफारी के बीचों बीच स्थित है ..इसका समय वही है सुबह 8.30 से शाम 6बजे तक ... एक नदी आधारित जू है अमेज़न नदी के आसपास बड़े बड़े एक्वेरियम और कुदरती नजारों से सजा यह जू अपनी तरह का दुनिया में पहला जू है ... इसमें लगभग 5000 जानवर हैं ... बोट राइड के बिना रिवर सफारी अधूरी है .. बोट राइड 10 मिनट की है.. पहली बोट राइड 11 बजे शुरू होती है और आखिरी 5.30 बजे ..यह मौसम आधारित होती है .. अगर मौसम खराब हो तो टिकट के पैसे  लौटाए नहीं जाते हैं ..इसमें गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को बैठने की अनुमति नही है ... इसमें भी आप को एक अद्भुत और नया अनुभव मिलता है   ... 
नाईट सफारी :-- यह संसार का पहला 'रात्रि जू 'है यहाँ पर आप जानवरों को खुले में घूमते हुए देख सकते हैं  ..आप ट्राम में बैठते हैं तो आपको हिदायत दी जाती है कैमरे की मोबाइल की फ़्लैश ऑन नहीं करें और कोई शोर नहीं करें  ..यहाँ की रौशनी भी इस तरह रखी गई है जैसे चाँद की चाँदनी हो .. इसमें भी दो स्टॉप हैं यहाँ उतरकर आप जानवरों को और करीब से देख सकते हैं .. यहाँ भी दो शो होते हैं एक शुरू में है 15 मिनट का आग का शो है जो ब्लोपाइप के साथ किया जाता है जब इंतज़ार में खड़े होते हैं और एक आखिरी में है एनिमल शो ... क्रीएचरज ऑफ़ द नाईट 
नाईट सफारी शाम को 7.30 बजे से शुरू होकर आधी रात तक चलता है .......

नाईट सफारी का प्रवेश समय था 7.30 बजे से .. बहुत लम्बी कतारें थीं यहाँ पर .. यहाँ दो सेल्फ ऑपरेटिंग मशीन थी उसमें से हमने अपनी डिटेल भरी तो समय आया 8.30 का यानि दूसरा शो .. हमें बताया गया कि आप 8.15 बजे आइये ... वही पास ही काफी दुकानें हैं जिन में आप खरीद फरोख्त कर सकते हैं और पेट पूजा भी ..वहीँ बैठकर हमने इंतज़ार करना उचित समझा ...पूरे जू एरिया का नेट बहुत बढ़िया चल रहा था इसलिए थोडा समय व्हाट्सएप और फेसबुक पर ख़राब किया ... 

फिर हम भी कतार में जाकर खड़े हो गये वही आग का शो देखा .. और अपनी बारी के इंतज़ार में आगे बढ़ते रहे ... जैसे जैसे ट्राम आती वो 50...60 लोगों को बिठा कर जंगल की ओर चल देती क्योंकि इस ट्राम में तीन तीन बोगियाँ लगी हुई थीं ... एक दम खुली हुई ..सिर्फ एक छत की व्यवस्था थी ... साथ साथ माइक पर हर जानवर के बारे में उद्घोषणा हो रही थी .यानि सूचना और हिदायत .. सच पूछें तो सुबह से जानवरों को देख  देखकर अब बिलकुल भी मजा नहीं आया बस एक नया अनुभव जरूर था कि जानवर बिना किसी दिवार के बिलकुल हमारे सामने थे ... अकेले कोई हो तो शायद उसके पसीने ही छूट जाएँ लेकिन इतने सारे लोगों के साथ कोई ज्यादा डर भी नहीं था .. ट्राम पर सब सुविधाएँ थी इमरजेंसी के लिए ... उनकी तस्वीरें भी बहुत ही कम ले रहे थे क्योंकि फ़्लैश ऑन नहीं करनी थी और दूसरा हमें ऐसा लग रहा था हम उन सोते हुए बेजुबानों की जिंदगी में खलल डाल रहे हैं ... लगभग 40 मिनट में ट्राम हमें घुमाकर वापिस ले आई थी .. उसके बाद हमने क्रीएचर्ज ऑफ़ नाईट शो देखा और स्टॉप की तरफ बढ़ गए 

हमें बताया गया था की लिटिल इंडिया के लिए आखिरी बस 10.30 बजे चलेगी ... बस आई और लगभग 11 बजे उसने हमें वहां छोड़ दिया था .. वहीँ से हम कुछ खाने के लिए निकले तो पता चला सब बंद हो चुका था ..फिर हमें 7 एलेवेन से नूडल्स लेकर काम चलाना पड़ा ... बहुत थकान थी इसलिए खाते ही सो गए ... 
तीसरा दिन
दो दिन काफी गर्मी और उमस भरे थे आज सुबह से मौसम सुहावना था ..काफी देर से उठे और तैयार होने के बाद हमने सबसे पहले आज पेट पूजा कर के ही कहीं भी निकलने का सोचा ..इसलिए वही पास ही एक रेस्तरा मिल गया यहाँ अच्छा भारतीय शाकाहारी खाना था ... हमें यह सब करने में लगभग 3 बज गए थे और बारिश अभी जारी थी कोई टैक्सी नहीं मिली तो हमने उबर टैक्सी के लिए कॉल लगाई 10 मिनट में वो टैक्सी आ चुकी थी अगर आप कॉल करके किसी भी टैक्सी को बुलाते हैं तो उसके 3 डॉलर एक्स्ट्रा देने होते हैं .. हमने उसे क्लार्क क्वे छोड़ने के लिए बोला .. बारिश में सिंगापुर की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है उज्जवल चमकते हुए पेड़ और गगनचुम्बी इमारतें मन को छू जाती हैं ... 
हम कुछ तस्वीरें लेते हुए जा रहे थे .. लगभग 20 मिनट में हम वहां पहुँच गए थे ... 
क्लार्क क्वे [CLARK QUAY]:--
यह एक ऐतिहासिक जगह है जिसका नाम  सिंगापुर के दूसरे गवर्नर एंड्रू क्लार्क के नाम पर रखा गया है ... पुराने समय में यह व्यापार की आवाजावी का ख़ास केंद्र था  सिंगापुर नदी के उत्तरी किनारे पर बना हुआ एक ऐतिहासिक जहाजी घाट है ..यह एक आधुनिक और ट्रेडिशनल जगह है खाने के लिए और नाईट लाइफ के लिए ...इसकी बनावट इसे दिन के समय ठंडा रखने में मदद करती है .... जिसके लिए इसे अवार्ड भी मिल चुका है ...  यहाँ 50 से ज्यादा होटल हैं ,लगभग 20पब, बार डिस्को वगेरह हैं यहाँ रात को संगीत गूँजता है .. नाच गाना खाना पीना ठंडी ठंडी हवा के साथ आप इस का आनंद ले सकते हैं .. 
हम क्लार्क क्वे पहुँच गए थे ..क्योंकि यहाँ नाईट लाइफ ज्यादा प्रचलित है इसलिए हमें दिन में कुछ ख़ास रौनक नहीं मिली ... यहाँ से घूमते हुए आगे निकल गए .. हलकी हलकी बूंदाबांदी हो रही थी ..

बोट क्वे:--

सिंगापुर नदी का दक्षिणी किनारा बोट क्वे के नाम से जाना जाता है ,ऐसा माना जाता था की खुशहाली और पैसा यहाँ बसता है इसलिए यह क्षेत्र बहुत सारी दुकानों से भरा हुआ था ..अब इसका आधुनिकीकरण करके इसे मॉल में परिवर्तित कर दिया गया है ...यहाँ भारतीय पर्यटकों के लिए खास इंतजाम हैं ,यहाँ का हिंदी म्यूजिक लाउन्ज बहुत लोकप्रिय है ..यहाँ भारतीय नर्तकियों को बॉलीवुड के गानों पर नाचते हुए देख सकते हैं ... 
रिवर क्रूज :-  ..
बम बोट जो पहले मालवाहक का काम करती थी वेयरहाउस और जहाज के बीच अब लोगों को नज़ारे [साईट सीइंग ]दिखाने का काम कर रही थी ...   
रिवर क्रूज तभी चलने वाला था जब बारिश बंद हो ..इसलिए हमने रिवर क्रूज की टिकट ले ली और इंतज़ार करने लगे .. थोड़ी ही देर में हमें उसमें बैठने का मौका मिल गया .. यह बाँस लकड़ी की बनी हुई बोट थी जिसमे 20 ..25 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी .. कुछ सीटें बाहर खुले में भी लगी हुई थी ... जब बारिश बिलकुल बंद हो गई तो सब बाहर बोट पर आ गए थे ... और आसपास की बड़ी बड़ी इमारतों की तस्वीरें .. पृष्ठ भूमि में कभी स्काई पार्क तो कभी मर्लिओन के साथ अपनी तस्वीरें कैमरे में कैद कर रहे थे ...  एक घंटे का यह रिवर क्रूज और सुहावने मौसम से हमारा उत्साह दोबारा लौट आया था  जो दो दिन की गर्मी से हमने खो दिया था ... 


मर्लिओन पार्क :-- सिंगापुर टूरिज्म की ख़ास निशानी है सिंह का बुत ..जिसे यहाँ पर मर्लिओन कहा जाता है ...यह 8.6 मीटर ऊँचा है और इसका भार 40 टन है ... इसके आसपास लोग पार्क में घूमते हैं और अद्भुत दृश्यों का आनन्द लेते हैं ... रिवर क्रूज में घूमते हुए भीआप इसे देख सकते हैं ..


रिर क्रूज देखने के बाद हमने वही पर ही थोड़ी देर घूमते हुए आनंद उठाया क्लार्क क्वे के सेल्फी स्टैंड पर अपनी फोटो लेकर इसे फेसबुक पर पोस्ट कर दिया ..उसके बाद हम ने स्काई पार्क के लिए टैक्सी ले ली  ...

सेंड्ज स्काई पार्क :-- यह दुनिया का सबसे मँहगा कैसीनो है ,इस में 2561 होटल के कमरे ,800,000 वर्ग फुट का माल ,आर्ट साइंस म्यूजियम ,दो थिएटर ,दो तैरते हुए क्रिस्टल पवेलियन,500 टेबल के साथ दुनिया का सबसे बड़ा कैसीनो ,इसकी छत्त पर 340 मीटर लम्बा स्काई पार्क है जिसमे 3900लोगों की व्यवस्था है ,स्विमिंग पूल और क्लब है ..संसार का सबसे बड़ा छत्त पर बना यह अपनी तरह का एक ही स्विमिंग पूल है ..... अगर इतना काफी नहीं है तो यह कह सकते हैं इसने सिंगापुर की पहचान मर्लिओन की जगह ले ली है ...अब स्काई पार्क सिंगापुर की पहचान बन चुका है .. ... 57 मंजिलों के साथ .....इसे देखने का समय सुबह  9.30 से लेकर शाम के 7बजे तक है ..... 


हम स्काई पार्क पहुँच गए थे ... वहां टिकट दिखाकर हमने लिफ्ट का रास्ता लिया उससे पहले यहाँ सबकी तस्वीर ली गई ... लिफ्ट के अंदर जाने के बाद हम मुश्किल से 2 मिनट के अंदर स्काई पार्क की 56वीं मंजिल पर थे ... यहाँ दिखाई दिया पूरा का पूरा सिंगापुर ... बस फिर शुरू हुआ हर तरह पोज बनाकर अच्छा ख़ासा फोटो सेशन ...  एक तरफ ऊँची ऊँची इमारतें ,एक तरफ समुन्द्र का नजारा ,उसमे रंग बिरंगे क्रूज ... एक तरफ गार्डन्स बाय बे के अद्भुत नज़ारे ... आनंद ही आनन्द ... अभी जैसे जैसे अँधेरा होने लगा पूरा का पूरा सिंगापुर सितारों की तरह जगमगाने लगा पानी में से होकर निकलती रोशनियाँ ... बड़ी बड़ी इमारतों की पानी में झलकती परिछाइयां ... इसे सपनों का शहर कहें तो कोई गलत नहीं होगा .....
अब हमने पास ही गार्डन्स बाय बे में चलने की सोची क्योंकि वहां भी बहुत कुछ देखने को था ... लिफ्ट के रास्ते हम फिर 2 मिनट में नीचे पहुँच गए थे .. अब गार्डन्स बाय बे का रास्ता पूछा ... स्काई पार्क के ही पीछे से लिफ्ट लेकर हम 6 मंजिल पर पहुँचे वहां से स्काई पार्क के माल में से गुजरते हुए रास्ता बाहर गार्डन्स बाय बे की तरफ ले गया .... 


क्रमशः भाग 4.

1 टिप्पणी:

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